ये 10 दुनिया के सबसे बड़े ठग है जो लोगो को रहस्यमय तरीके से लूटा और इन्हे पकड़ने में शासन के पसीने छूट गए.
1/10 चार्ल्स पोंजी
चार्ल्स पोंजी दुनिया भर के निवेशकों को चूना लगाने वाला ऐसा शख्स है, जिसके नाम पर ही ठगी करने वाली इनवेस्टमेंट स्कीम्स को पोंजी स्कीम कहा जाता है. चार्ल्स पोंजी मूलरूप से इटली का निवासी था, लेकिन उनसे अपना पूरा जीवन अमेरिका और कनाडा में लोगों से पैसे इकट्ठे करने और उन्हें ठगने में लगा दिया. चार्ल्स पोंजी पुलिस की गिरफ्त में कई बार आया, लेकिन छूटने के बाद उसने हर बार नए तरीके से लोगों को ठगा. कहा जाता है कि उसने एक ही दिन में लोगों से 20 लाख डॉलर ठग लिए थे. पोंजी लोगों को 45 दिन में रकम डेढ़ गुनी और 90 दिन में दोगुनी करने का झांसा देता था.
2/10 जॉर्ज सी पार्कर
जॉर्ज सी पार्कर दुनिया का ऐसा मशहूर कॉनमैन यानी ठग है, जिसने अमेरिका की प्रसिद्ध इमारतों, चौराहों तक को बेच दिया और पैसा लेकर फरार हो गया. उसने न्यूयॉर्क के मशहूर मेडिसन स्क्वॉयर गार्डन, मेट्रोपॉलिटन ऑर्ट म्यूजियम, ग्रांट का मकबरा और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी तक का सौदा कर लिया था. इन सबमें उसका सबसे मशहूर सौदा ब्रुकलिन ब्रिज को बेचने का रहा, जिसे उसने कई बार बेचा. दो बार पुलिस से छूटने के बाद जब ये तीसरी बार पुलिस की पकड़ में आ गया तो इसे उम्रकैद की सजा दी गई. जेल में ही इसकी मौत हो गई.
3/10 चार्ल्स शोभराज
बिकिनी किलर के नाम से भारत और पुरे दुनिया में कुख्यात चार्ल्स शोभराज बेहद रहस्यमय शख्स है. इसका जन्म वियतनाम में हुआ था. 1970 के दशक में दक्षिणपूर्वी एशिया के लगभग सभी देशों में विदेशी पर्यटकों को अपना शिकार बनाने वाला चार्ल्स शोभराज चोरी और ठगी का भी माना हुआ खिलाड़ी है. अन्य सीरियल किलर की तरह चार्ल्स शोभराज ना तो क्रोधी और ना ही हिंसक स्वभाव का है और ना ही उसके परिवार का अपराध की दुनिया से कोई लेना-देना रहा है. मानसिक विकारों से ग्रस्त चार्ल्स मात्र अपनी जीवन शैली को रोचक और उत्तेजक बनाए रखने के लिए हत्याएं, चोरी धोखाधड़ी करता आया है. वर्ष 1976 से 1997 तक चार्ल्स शोभराज, भारतीय जेल में सजा काट चुका है. बाद में वह पेरिस चला गया. जहां उसका स्वागत एक सेलेब्रिटी की तरह हुआ. अप्रत्याशित तरीके से नेपाल आने के बाद उसे गिरफ्तार कर कई मुकदमे चलाए गए. 12 अगस्त, 2004 को चार्ल्स शोभराज को आजीवन कारावास की सजा दी गई. जेल में ही एक 22 वर्षीय महिला पत्रकार निहिता बिस्वास से शोभराज ने शादी कर ली.
4/10 नटवरलाल
नटवरलाल जो भारत में ठग के भगवान माने जाते है इनका पूरा नाम मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव था नटवरलाल कैसे पड़ा ये किसी को नहीं मालूम! लेकिन नटवरलाल का नाम हर कोई जानता है. नटवरलाल भारत में अबतक का सबसे बड़ा ठग साबित हुआ है. नटवरलाल ने लोगों को बेवकूफ बनाकर दिल्ली के लाल किले, संसद भवन से लेकर ताजमहल तक को बेच दिया और ठगे गए लोगों को करोड़ों का चूना लगाया. यूं तो नटवरलाल पुलिस की गिरफ्त में 8 बार आया, लेकिन हर बार वो फरार होने में सफल रहा. आखिरी बार नटवरलाल 1996 में दिल्ली के एम्स से पुलिस की पकड़ से फरार हो गया था. अब नटवरलाल कहां है, किसी को नहीं पता. नटवरलाल पर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई फिल्में बन चुकी हैं.
5/10 एलिजाबेथ बिग्ले
एलिजाबेथ बिग्ले के नाम से जन्म लेने वाली कॉजी चैड्विक ने अमेरिका के क्लीवलैंड इलाके के लगभग सभी बैंकों से लोन लेकर उन्हें ठगा. दरअसल कॉजी चैड्विक ने खुद के बारे में अफवाह फैला दी कि वो शहर के अरबपति एंड्रयू कॉरनेगी की इकलौती बेटी है. जिनकी मौत के बाद वो उनकी जायदाद की इकलौती वारिस होगी. एंड्रयू कॉरनेगी स्कॉटलैंड मूल के बड़े व्यापारी होने के साथ ही मानवतावादी, उदार और दानी व्यक्ति थे. अपने समय में अमेरिका में दिए गए दान का 90 फीसदी धन उन्होंने अकेले दान में दिया था. कॉजी चैड्विक ने उन्हीं के नाम पर इलाके के लगभग सभी बैंकों को ठगा. कॉजी चैड्विक ने एंड्रयू कॉरनेगी के फर्जी दस्तखत का इस्तेमाल करके बैंकों से लोन लिया और हजम कर लिया. इस तरह उसने 8 साल तक सभी को बेवकूफ बनाकर रखा. बाद में एंड्रयू कॉरनेगी ने उसके बारे में बताया कि वो उसे नहीं जानते, तब जाकर कॉजी को पकड़ा गया. इसकी मौत भी जेल में हुई थी. कॉजी चैड्विक को दुनिया की सबसे मशहूर महिला ठग माना जाता है.
6/10 क्रिस्टोफर जीवित
7/10 शॉपी स्मिथ
शॉपी स्मिथ का नाम ठगों के सरताज में गिना जाता है. इसने ठगी के माध्यम से आम जनता से खूब धन ऐंठा और पुलिस के साथ ही राजनीतिज्ञों को खिलाया, ताकि वो बचा रहे. उसने इनामी साबुनों की बिक्री पूरे अमेरिका में की और अरबों डॉलर कमाए. उसने अरबों की कमाई का बड़ा हिस्सा पॉलिटिकल लोगों को हैंडल करने और पुलिस से बचने में लगाया और पूरी जिंदगी कमाई करता रहा. साबुनों की बिक्री के लिए उसने पूरे अमेरिका में सैलून, जुएघर और बोलीघर बनाए और अमेरिका को ठगता रहा.
फ्रेंक एबग्नेल की एक ही पंचलाइन थी ‘पकड़ सको तो पकड़ा लो’ (कैच मी इफ यू कैन). इस नाम से फ्रेंक के जीवन पर हॉलीवुड में बेहद सफल फिल्म भी बनी. फ्रेंक एबग्नेल ने चेकों में हेराफेरी करके बैंकों को करोड़ों का चूना लगाया. वो किसी भी स्लिप पर हूबहू सिग्नेचर कर सकता था, जो बैंक अधिकारी या चेक देने वाला करता था. इसने दुनिया के 26 देशों में चेकों में हेरा-फेरी कर काफी पैसा जुटाया. ये एक बैंक में अधिकारी था. इसीलिए लोगों को ठगने के बाद इसे कोई पकड़ नहीं पाता था. ये जब अमेरिका से भागा तो फ्रांस जाने वाले जहाज में इसे एक एयरहोस्टेस ने पहचान लिया. तब इसे कई देशों में जेल की हवा खानी पड़ी.
9/10 विक्टर
दुनिया का सबसे बड़ा ठग. इसने फ्रांस के मशहूर एफिल टॉवर को ही बेच दिया था. 1890 में चेकोस्लोवाकिया में पैदा हुआ विक्टर बेहद शातिर था और कई भाषाओं का अच्छा ज्ञाता था. इसके दम पर वो विदेशी पर्यटकों को ठगा करता था. लस्टिग कितना शातिर था इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि इसने पहली बार नोट छापने वाली मशीन बेची थी. जी हां. विक्टर लस्टिग ने एक व्यक्ति को ये कहकर एक मशीन बेची कि ये 100 डॉलर के नोट छापती है. विक्टर ने उस व्यक्ति को ये मशीन 30 हजार डॉलर में बेची पर उस मशीन से 100 डॉलर के सिर्फ तीन नोट निकले और उसके बाद सादे कागज. तब जाकर खरीदार को समझ आया कि वो ठगा जा चुका है. 1925 में उसने एक बार अखबार में पढ़ा कि एफिल टावर की मरम्मत की जानी है. उसने सरकारी अधिकारी बनकर 6 बड़े कबाड़ व्यवसायियों से संपर्क किया. उनमें से एक को इस शर्त पर एफिल टावर बेच दिया, कि वो इसे ट्रेन से ऑस्ट्रिया ले जाएगा. विक्टर ने फ्रांस के बड़े गैंगस्टर अल कॉपोन से 40 हजार डॉलर स्टॉक डील में इनवेस्ट कराए. उसने दो महीने बाद सारा पैसा गैंगस्टर को लौटा दिया और कहा कि डील फेल हो गई. गैंगस्टर विक्टर से इतना प्रभावित हुआ कि उसने विक्टर को 5 हजार डॉलर दे दिए. विक्टर ने पैसे का ब्याज भी दबा लिया. अपने जीवन के आखिरी समय में विक्टर अमेरिका में पकड़ा गया और जेल में ही उसकी मौत हो गई.
10/10 रॉबर्ट हेंडी
रॉबर्ट हेंडी एक कार सेल्समैन था और खुद को एमआई 5 का खुफिया एजेंट बताते हुए डराकर लूटा करता था. रॉबर्ट हेंडी ने कई महिलाओं को एमआई 5 की नौकरी दिलाने के बहाने उनका यौन शोषण किया. इसने कई लोगों से महीनों तो कई से सालों तक ठगी की. ये लोगों को लॉयल्टी टेस्ट के नाम पर डराया भी करता था, कि वो लोगों को भेजकर पूछताछ करवाएगा और जानेगा कि क्या वाकई उसके शिकार एमआई 5 में भर्ती होने लायक हैं. इसी डर से किसी ने उसके खिलाफ कोई बयान नहीं दिया, क्योंकि लोग भ्रम में थे कि ये लॉयल्टी टेस्ट का हिस्सा है. इसे स्कॉटलैंड यॉर्ड और एफबीआई ने साझा ऑपरेशन चलाकर गिरफ्तार किया. जिसके बाद इसे 2005 में उम्रकैद की सजा दी गई. बाद में उसकी सजा घटाकर 9 साल कर दी गई.
basgyan.blogspot.com(Just Knowledge)अलग-अलग sources द्वारा ये जानकारी आप के लिए लाये है।
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